हमारा जारकर्मी समाज इन्तर्नेत पर बदल जयेगा यह मुस्किल है.
2.
द्विजों के जारकर्मी अतीत में गर्व करने के लिए क्या है?
3.
जारकर्मी ही आज ‘ सह-जीवन या लिव-इन-रिलेशनशिप ' की बात कर रहे हैं.
4.
कहीं कोई बलात्कारी ब्राह्मण है, कहीं कोई जारकर्मी महंत है, कहीं लालाजी और कहीं कोई और वैष्णव।
5.
तलाक हो नहीं सकता-पति (द्विज) जारकर्मी है, तब स्त्री सैक्स से इंकार करती है तो वह जबरदस्ती करता है।
6.
वैसे भी ये इस पर क्यों लिखेंगे भला, अपने गुरुदेव की मान कर ये भी यौन-अपराधी (बलात्कारी, जारकर्मी) को ‘ क्षम्य ' करने को तत्पर हैं ही.
7.
बकौल नाहिदा जी पाकिस्तानी महिलाओं ने तो सैक्सुएल हराशमेंट के खिलाफ कानून बनवा लिया है, जबकि द्विज आलोचक हजारी प्रसाद द्विवेदी यौन अपराधी (बलात्कारी और जारकर्मी) को माफी दिए जाने के पक्ष में हैं।
8.
यह सैक्स सम्बन्ध बलात्कार की श्रेणी में आता है, और उस जारकर्मी पति के सम्बंधों के बाद भी कोई पत्नी उस जार से सम्बंध बनाती है, तो निस्संदेह वह वेश्यावृत्ति और देवदासी की केटेगिरी में ही आता है।
9.
(पृ.67) डॉ. धर्मवीर दलित साहित्यकारों को रास्ता दिखा रहे हैं कि वे क्या लिखें-‘दलित साहित्य उसे ही कहा जाएगा जिसमें पारिवारिक जीवन में तलाक की अनुमति हो, स्त्री के लिए भरण-पोषण पर रोक लगे तथा जारकर्मी को जारकर्म की जिम्मेदारी से नवाजा जाए.'