| 1. | नहीं-नहीं, जी! काम तो चल ही रहा है।
|
| 2. | “नहीं-नहीं, जी! काम तो चल ही रहा
|
| 3. | ‘जिन्दगी के मेले ' को यादगार बनाते पाबला जी!
|
| 4. | नेट का भी अपना समाज है, प्रभाष जी!
|
| 5. | इसे यहां प्रस्तुत करने का आभार, अफ़लातून जी!
|
| 6. | कार्यशाला के दौरान बच्चों ने कहा, टीचर जी!
|
| 7. | गरिमा और ईशान को शुभकामनाएं! बधाई सतीश जी!
|
| 8. | देखो, सेठ जी! राजा अपने विरोधियों को कैसा
|
| 9. | बहुत मर्मस्पर्शी पोस्ट लगाई है, समीरलाल जी! आभार!
|
| 10. | क्लीवत्व नदी बहती " वाह भाई जी! बहुत ही सुन्दर!
|