कितनी बार जीजो की रसोई में ओंकार के साथ बैठ कर रोटी खाई थी।
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बचपन में उसके बच्चे और हम सभी उसको जीजो कह कर ही बुलाते थे।
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जीजो है, ओंकार है और इस जीवन की वे स्मृतियाँ हैं जो उसे पल-पल व्यथित
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उसकी माँ की सहेली जीजो अपने पोते की बातों से उसे पहचान लेती है और उसे
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इस मौके पर स्कूल के शिक्षक जार्ज मनमीत पटेल, जीजो एमके, हेमंत पटेल, सुरेंद्र पटेल, केके त्रिपाठी सहित कई लोग मौजूद रहे।
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वह विधान सभा व विधान परिषद् दोनों के सदस्य रहे. श्री दौलत लाल जीजो आजमगढ़ के रहने वाले थे वह भी एक प्रखर समाजवादी थे.
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बांचा जाएरॉंग नंबर प्लीज: चाहिए कि, लग गया जीक्या आपको याद था: माने हां कह देंगे तो मान जाइएगा क्याहवा में उड गए 25 करोड के हीरे: आयं, अरे पुरवा थी कि पछवा हवा थी जीजो बदलाव चाहते हैं, उन्हें ही कुछ करना होगा: और इसके लिए पहले इस पोस्ट को पढना होगावर्डप्रेस ब्लॉग या साइट में विजेट जोडना: इहां रतन भाई के पोस्ट पर सीखें, विधिवत रेसिपी हैजरा खबर की खबर भी ली जाए: और ऐसी कि वो खुद खबर बन जाएक्या हमारी मीडिया भटक गई है:&