हालांकि यहाँ बारिश हुई, आंधी आई, फिर भी जीव-जीवन सकुशल है।
2.
धमा-चौकड़ी जीव-जीवन संगडाल-पात का धरा चूमनागाते संग-संग गीत गुनगुनमन से पूछो! कितना अच्छा लगता ।
3.
जिस तरह प्रकृति परिवर्तन अटल है, उसी तरह जीव-जीवन में उतार चढ़ाव भी निश्चित है।
4.
दुनिया इस नए हरे भरे हिसाब-किताब में गर्मी सर्दी, हवा-पानी, धुआं-धूल, हरियाली-मरुस्थल, बाढ़-सूखा, जीव-जीवन केवल प्रकृति के रंग ही नहीं हैं, बल्कि अब इनका अपना अर्थशास्त्र है और इन्हें रोकने, बढ़ाने या बचाने की एक मोटी लागत है।