| 1. | अनेक सत्व तथा टिंक्चर इसी प्रकार बनते हैं।
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| 2. | अनेक सत्व तथा टिंक्चर इसी प्रकार बनते हैं।
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| 3. | इसके बाद इस पर स्पिरिट या टिंक्चर लगा लें।
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| 4. | इस प्रकार प्राप्त घोल को सत्व या टिंक्चर कहते हैं।
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| 5. | 3. इसके टिंक्चर की 5-7 बूंदें शर्बत के साथ (
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| 6. | इस प्रकार प्राप्त घोल को सत्व या टिंक्चर कहते हैं।
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| 7. | ठंडा होने पर उसमें आयोडीन टिंक्चर की कुछ बूंदें डालें।
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| 8. | उसके बाद उस स्थान को पोंछकर टिंक्चर आयोडीन लगा दें।
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| 9. | यह होम्योपथिक का मदर टिंक्चर निम्न बीमारियों में प्रयोग की जाती है ।
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| 10. | अलग-अलग पोटेन्सी में बिल्व टिंक्चर का प्रयोग कर आशातीत लाभ देखे गए हैं ।
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