इसे आइनस्टाइनने सन् १९१५ में आतानक विश्लेषण (टेन्सर अनैलिसिस) के रूप में छापा था।
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प्रस्तावों का एक अन्य रूप अंतरिक्ष काल के लिए एक दोहरे मीट्रिक टेन्सर की संभावना पर आधारित है.
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प्रस्तावों का एक अन्य रूप अंतरिक्ष काल के लिए एक दोहरे मीट्रिक टेन्सर की संभावना पर आधारित है.
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इस निष्कर्ष पर पहुँचने केलिए ” दिफ्युसन टेन्सर (मेग्नेटिक रेजोनेंस आधारित इमेजिंग तकनीक) का स्तेमाल्किया गया ।
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यह इसलिए होता है क्योंकि पदार्थ को गुरुत्वाकर्षण प्रभाव उत्पन्न करने के लिए प्रेरित करने वाली भौतिक मात्रा तनाव-ऊर्जा टेन्सर होती है, जिसमें किसी पदार्थ का ऊर्जा (या पदार्थ) घनत्व एवं इसका दाब तथा गाढ़ापन होता है.
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यह इसलिए होता है क्योंकि पदार्थ को गुरुत्वाकर्षण प्रभाव उत्पन्न करने के लिए प्रेरित करने वाली भौतिक मात्रा तनाव-ऊर्जा टेन्सर होती है, जिसमें किसी पदार्थ का ऊर्जा (या पदार्थ) घनत्व एवं इसका दाब तथा गाढ़ापन होता है.