भींगी-भींगी बरसात और ठिठुराहट की ठंड के बाद वसंतऋतु में नानाप्रकार के पुष्प-पादपों से सज मदमाती गन्ध बिखेरती, नवोढां दुल्हन की तरह खिल उठती है, तब मनुष्यों की कौन कहे इस मादकता भरे मौसम में कोयल, मोर, पपिहा, भौरों से लेकर सम्पूर्ण जीव जगत गुनगुनाने लगता है ।