प्राथमिक संक्रमण के बाद, विषाणु प्राथमिक संक्रमण के स्थल की नसों में प्रवेश करता है, तंत्रिकाकोशिका के कोशिका-पिण्ड में चला जाता है और गण्डिका में जाकर लुप्त हो जाता है.
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प्राथमिक संक्रमण के बाद, विषाणु प्राथमिक संक्रमण के स्थल की नसों में प्रवेश करता है, तंत्रिकाकोशिका के कोशिका-पिण्ड में चला जाता है और गण्डिका में जाकर लुप्त हो जाता है.
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हालांकि बाद के अपने लेखन में उन्होंने रेमन वाई कैयाल के तंत्रिकाकोशिका सिद्धांत तथा इवान पावलोव के अनुकूलित प्रतिवर्त को भी संदर्भित किया, साररूप में उन्होंने इस नए तंत्रिकाविज्ञानी अनुसंधान की पुराने सहचर्य सिद्धांत के परिप्रेक्ष्य में व्याख्या की.
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हालांकि बाद के अपने लेखन में उन्होंने रेमन वाई कैयाल के तंत्रिकाकोशिका सिद्धांत तथा इवान पावलोव के अनुकूलित प्रतिवर्त को भी संदर्भित किया, साररूप में उन्होंने इस नए तंत्रिकाविज्ञानी अनुसंधान की पुराने सहचर्य सिद्धांत के परिप्रेक्ष्य में व्याख्या की.