| 1. | तंत्रिकातंतु की शेष गुच्छिकाएँ उदर में स्थिति रहती हैं।
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| 2. | यह उदर में तंत्रिकातंतु के ऊपर पाई जाती हैं।
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| 3. | तंत्रिकातंतु की शेष गुच्छिकाएँ उदर में स्थिति रहती हैं।
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| 4. | यह उदर में तंत्रिकातंतु के ऊपर पाई जाती हैं।
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| 5. | तंत्रिकातंतु की शेष गुच्छिकाएँ उदर में स्थिति रहती हैं।
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| 6. | यह उदर में तंत्रिकातंतु के ऊपर पाई जाती हैं।
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| 7. | अक्षिबिंब से निकले तंत्रिकातंतु दृष्टिपटल का निर्माण करते हैं।
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| 8. | यह तंत्रिकातंतु वर्ध्दक है, तंत्रिका शामक है| ग्रहणशीलता बढाने वाला टानिक है|)
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| 9. | प्रतिपृष्ठ तंत्रिकातंतु में शरीर के लगभग प्रत्येक खंड में एक एक गुच्छिका पाई जाती है।
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| 10. | प्रतिपृष्ठ तंत्रिकातंतु में शरीर के लगभग प्रत्येक खंड में एक एक गुच्छिका पाई जाती है।
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