नशीले पदार्थों का प्रयोग तन्मयावस्था और आत्मा की दुनिया से संपर्क में आने के लिए किया जाता था.
2.
सिध्दावस्था प्राप्त कर लेने पर वे अनासक्तिपूर्ण जीवन व्यतीत करने लगी और कभी-कभी तन्मयावस्था में वे नृत्य भी करने लग जाती थी।
3.
तम्बाकू और विभिन्न हेलुसिनोजेनिक (hallucinogenic) नशीले पदार्थों का प्रयोग तन्मयावस्था और आत्मा की दुनिया से संपर्क में आने के लिए किया जाता था.
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[2] तम्बाकू और विभिन्न हेलुसिनोजेनिक (hallucinogenic) नशीले पदार्थों का प्रयोग तन्मयावस्था और आत्मा की दुनिया से संपर्क में आने के लिए किया जाता था.
5.
विष्णु का ध्यान करते तन्मयावस्था में अत्यंत शोभायमान पुत्र को देख हिरण्य कश्यप यह सोचकर आश्चर्य में आ गया कि कई दिनों से अन्न-जल के विना यह कैसे जीवित है?