छुपा कर रख दो भगोड़े विचारों को मन के हर दरार हर तरेड में जहाँ विचार रिस कर नहीं आते
6.
अब उसे लादेन भी मिला और उसे दूतावास पर हमला भी हो रहा है तो पाकिस्तान पर आँखे तरेड रहा है.
7.
कभी रसोई की ठक-ठक, रिश्तों की तरेड, उधेड़-बुन, प्रोफेशनल से घरेलू हो जाने की अपेक्षायों पर खरा उतरने की कशमकश में अपने आप को कोसना चलता रहा.
8.
काशनी लफ्ज़ का प्रयोग कमाल का है और शेर में पंजाब की मस्ती भर रहा है, उनके इस शेर से मुझे पंजाब का एक लोकगीत जिसे मेरी माताजी अभी भी मजे लेकर सुनाती हैं याद आ गया... ” इक मेरी आख काशनी दूजे रात दे उनीदरे ने मारया, शीशे च तरेड पै गयी वाल वौन्दी ने त्यान जदों मारया...
9.
पता नहीं किस किस मामूली बात पर आपस में लड गया था गांव कितनी ही बार बेमतलब अपने ही बुजुर्गो से अड गया था गांव बरसों पहले ही मधानी में तरेड आ गई थी खडवंजे लगे तो गांव कई मुल्कों में बंट गया सरहदें बन गईं गलियां और चोबारों से मिसाइलें भी बेसाख्ता चलने लगीं गांव की पाक मटटी कहीं गांव में खो गई, रूल गई
10.
) कविताएं तुषार धवल के अनुवाद में प्रस्तावनाछुपा कर रख दो भगोड़े विचारों कोहर कोने हर एकांत मेंजहाँ रोशनी नहीं पहुँचती तुम्हें खोजनेतुम्हारे एकांत को भयानक भीड़ बनाने छुपा कर रख दो भगोड़े विचारों कोमन के हर दरार हर तरेड मेंजहाँ विचार रिस कर नहीं आते पड़े रहो नीचे और गहरेक्योंकि सतह वाली कोई भी चीज़ तुम्हें सहायता नहीं देगी छुपा कर रख दो भगोड़े विचारों कोहो जाओ छविहीन और रहो एकाकीक्योंकि तुम्हें फ़िर भी एक मौका मिल सकता हैमनुष्यों की दुनिया में उग आने का।