परन्तु अब उनमें से भी कुछ लोग यह समझने लग पड़े हैं कि उनका यहअयथार्थवादी, अनैतिहासिक और तर्क-विरुद्ध दृष्टिकोण उनके व्यक्ति-गत औरदलगत हितों को भी बहुत देर बचा नहीं सकेगा.
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इनका कहना है कि कोंकण के लिए देवनागरी का इस्तेमाल करना “अवैग्यानिक, तर्क-विरुद्ध और कभी-कभी मूर्खता है, उनके लिए भी जिनकी मातृ-भाषा कोंकण है, और अन्य भाषाओं और कोंकण सीखने वालों के लिए भी।”
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इनका कहना है कि कोंकण के लिए देवनागरी का इस्तेमाल करना ” अवैग्यानिक, तर्क-विरुद्ध और कभी-कभी मूर्खता है, उनके लिए भी जिनकी मातृ-भाषा कोंकण है, और अन्य भाषाओं और कोंकण सीखने वालों के लिए भी।