ख़ुदा न तर्स दूसरों के घरों के दरवाज़े पर अपना नाम लिखते
2.
मक़सद यह है कि ख़ौफ़ व तर्स की वजह से मुम्किन न होगा कि कोई शख़्स इल्मे
3.
किसी ऐसे ही शख्स के सिपुर्द करना जो खौरख्वाह, खुदा तर्स, अमानत दार और निगरां हो।
4.
अल्लाह सुबहानाहू व ताआला हमारे नाना मरहूम के दरजात में बुलंदी अता करे, यकीनन वोह जवारे अहलेबैत (अ.स.) में होंगे क्यूंकि वो खुदा तर्स और इबादत गुज़ार मोहिब्बे आले रसूल (स.अ.) थे.