कि सफ़ाई से तहाया जा सके, कि उसने साड़ी अपनी ओर खींच ली और उसे
5.
उतारा, उतार कर तहाया और उसे वापस देते हुये कहा, “ एक तो अभी ले लो ; शेष ९९९ का प्रयत्न करूँगा,”
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दूसरे दिन सुबह यही कोई आठ बजे, मोहित जब अपनी बैठक में अख़बार पढ़ रहा था तो विपिन ने उस के सामने एक और तहाया हुआ पुर्जा ला कर रख दिया।
7.
अंदर ठंडा अँधेरा है, बांस की अलगनी पर कथरी और चादर मोड़ कर लटका है, चौकी के बगल में थूकदान और हुक्का, चीकट तकिये के ऊपर पूरी बाँही का ब्लाउज़ और किनारी वाली धोती, सीट कर चपोत कर तहाया हुआ ।
8.
अंदर ठंडा अँधेरा है, बांस की अलगनी पर कथरी और चादर मोड़ कर लटका है, चौकी के बगल में थूकदान और हुक्का, चीकट तकिये के ऊपर पूरी बाँही का ब्लाउज़ और किनारी वाली धोती, सीट कर चपोत कर तहाया हुआ ।
9.
मैंने श्रद्धा-भरे हाथों से उसकी सलवटें निकाल कर उसे सीधा किया कि सफ़ाई से तहाया जा सके, कि उसने साड़ी अपनी ओर खींच ली और उसे समेटते हुए दोबारा कहा, '' देखिए! '' और फिर सर्र से पूरी साड़ी अँगूठी में से गुज़ार दी।
10.
यह सुन कर महाराज श्री ने बड़ी ही शान्ति के साथ धीरे से उस शाल को उतारा, उतार कर तहाया और उसे वापस देते हुये कहा, “ एक तो अभी ले लो ; शेष ९९९ का प्रयत्न करूँगा, ” इस गूढ़ उत्तर से सेठ जी चकित हो गये और भयभीत भी हो गये कि कदाचित् महात्मा जी रुष्ट हो गये।