यह अल्लाह के और से ताकीदी आदेश हैं और अल्लाह सब कुछ जानने वाला, अत्यंत सहनशील है.”
2.
क़ुरआन कहता हैः अल्लाह तआला तुम्हें ताकीदी आदेश देता है कि अमानत वालों की अमानतें पहुंचाओ और जब लोगों का फैसला करो तो न्याय से फैसला करो।
3.
क़ुरआन कहता हैः अल्लाह तआला तुम्हें ताकीदी आदेश देता है कि अमानत वालों की अमानतें पहुंचाओ और जब लोगों का फैसला करो तो न्याय से फैसला करो।
4.
राफ़ज़ियत और ख़ारिजियत जो सहाबा और अहले बैते रसूल सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम की दुशमनी पर आधारित हैं, उनसे सहाबा और एहले बैत के साथ महब्बत और नियाज़मन्दी रखने की सुन्नत उठ जाती है जिसके शरीअत में ताकीदी हुक्म हैं.