| 1. | तानिका के रोग-तानिकाशोथ, अर्बुद, सिस्ट (
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| 2. | तानिकाशोथ यक्ष्मिक विषाण्विक या पूतिजनक जीवों के कारण हो सकता है।
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| 3. | यक्ष्मा तानिकाशोथ हमारे देश के कई भागों में अपेक्षाकृत सामान्य है।
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| 4. | कोई भी जीवाणु या विषाणु तानिकाशोथ उत्पन्न करने का सामर्थ्य रखता है।
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| 5. | तानिकाशोथ फुफ्फुसीय और हृदय संबंधी हस्तक्षेप भी कुछ मामलों में प्रदर्शित हो सकते है।
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| 6. | तानिकाशोथ मेनिंजाइटिस जीवाणु उदा मेनिंगोकोकल मेनिंजाइटिस या विषाणु विषाण्विक मेनिंजाइटिस द्वारा उत्पन्न हो सकता है।
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| 7. | (6) लगातार-मस्तिश्क के फोड़े, अर्बुद, सिस्ट, रुधिरस्राव तथा तानिकाशोथ से लगातार पीड़ा होती है।
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| 8. | (6) लगातार-मस्तिश्क के फोड़े, अर्बुद, सिस्ट, रुधिरस्राव तथा तानिकाशोथ से लगातार पीड़ा होती है।
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| 9. | तानिकाशोथ लिमेरोग, लेप्टोस्पाइरोसिस, टाइफस, तपेदिक और दूसरे संक्रमणों सहित अन्य रोगों के भी एक लक्षण हो सकते हैं।
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| 10. | तानिकाशोथ मेनिंजाइटिस उस झिल्ली का एक शोथ या संक्रमण है जो मस्तिष्क और मेरु रज्जु को ढकती है।
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