ज्यामिति में इसे केवल स्थिति अथवा त्रिज्य सदिश के रूप में भी जाना जाता है।
4.
कार्य में लाए गए और अनेक अन्वेषकों द्वारा, विशेषत: लिंक वेधशाला में कैंपबेल द्वारा, त्रिज्य वेग (
5.
द्वयर सममिति में प्रथम विभाजन द्विपार्श्व होता है, पर इसके पश्चात् दोनों पार्श्वो में त्रिज्य सममिति की प्रथा प्रचलित होती है।
6.
विभिन्न वेधशालाओं में अनेक स्पेक्ट्रमलेखी (Spectrographs) कार्य में लाए गए और अनेक अन्वेषकों द्वारा, विशेषत: लिंक वेधशाला में कैंपबेल द्वारा, त्रिज्य वेग (radial velocity) का स्पेक्ट्रमी मापन प्रारंभ हुए।
7.
त्रिज्य सममिति की विशेषता यह है कि विभाजन रेखाएँ सदा एक दूसरे को ऊर्ध्वाधर रेखाओं द्वारा काटती हैं और अक्ष के चारों ओर समान रूप से कोशों की वृद्धि होती है।