| 1. | इस प्रकार त्रिदेव बाल्यरूप का आनंद लेने लगे।
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| 2. | कोटि-कोटि ब्रह्माण्डों में कोटि त्रिदेव पृथक-पृथक होते हैं।
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| 3. | तत्पश्चात त्रिदेव अपने वास्तविक रूप में आ गए।
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| 4. | कोटि-कोटि ब्रह्माण्डों में कोटि त्रिदेव पृथक-पृथक होते हैं।
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| 5. | अब ब्रह्मा, विष्णु और महेश त्रिदेव है।
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| 6. | इस प्रकार त्रिदेव बाल्यरूप का आनंद लेने लगे।
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| 7. | कोटि-कोटि ब्रह्माण्डों में कोटि त्रिदेव पृथक-पृथक होते हैं।
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| 8. | शर्माए त्रिदेव, जान न जाँय पत्नियाँ ।
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| 9. | सारा दारोमदार त्रिदेव पर ही आ टिका है।
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| 10. | त्रिदेव में सुश्रेष्ठ विश्वनाथ को प्रणाम है ।
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