| 1. | इन पौधों का वानस्पतिक शरीर एक थैलस (
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| 2. | इनमें पुंधानी और स्त्रीधानी थैलस (
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| 3. | तीन प्रकार के थैलस में विभाजित किया जा सकता है:
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| 4. | इनमें पुंधानी और स्त्रीधानी थैलस (thallus) के अंदर ही बनते हैं।
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| 5. | थैलस का रंग प्रकाश की किरणों की तीव्रता पर निर्भर होता है।
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| 6. | थैलस का रंग प्रकाश की किरणों की तीव्रता पर निर्भर होता है।
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| 7. | ये थैलस को आधार से जोड़ने का काम देते हैं तथा खनिज लवण और जल का संवाहन करते हैं।
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| 8. | ये थैलस को आधार से जोड़ने का काम देते हैं तथा खनिज लवण और जल का संवाहन करते हैं।
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| 9. | ये थैलस के छोटे छोटे भाग होते हैं, जिनमें एक या दो शैवाल कोशिकाएँ कवक तंतुओं द्वारा आवरित होती हैं।
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| 10. | ये थैलस के छोटे छोटे भाग होते हैं, जिनमें एक या दो शैवाल कोशिकाएँ कवक तंतुओं द्वारा आवरित होती हैं।
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