इसकी आनुवंशिक शत्रुता सेत तथा उसके सहयोगी ' अशुर' देवता थोथ से निरतर बनी रही।
4.
इबिस को प्राचीन मिस्र में चँद्र देवता का रूप माना जाता था और थोथ नाम से इसकी पूजा होती थी.
5.
इस धर्म में कई देवता थे: रा (सूर्यदेव), अतुम, च्नुम, अमुन, पिताह, अमुन-रा, ओसिरिस (यमदेव), अनूबिस, अतेन (सृष्टादेव), मिन, थोथ (चन्द्रदेव), होरस इत्यादि ।
अधूरे प्रेम के श्राप से शापित सोडांगी नागराज के प्रेम मे दीवानी है| इसी दीवानगी में कुछ खतरनाक गुंडों से लड़ती हुई सोडांगी बुरी तरह जख्मी हो जाती है| उसके उपचार के लिए उसे शैतान थोथ के पिरामिड मे ले जाया जाता है| यहाँ उसे मिलता है एक वरदान जिसके फल स्वरुप उसका विवाह नागराज से हो जाता है| लेकिन क्या उसका श्राप उसका पीछा छोड़ चुका है?
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रोशनी जी, बिलकुल सही कहा आपने | हमारे देश में ये नया नहीं है, हमारे टैक्स का दशकों से तुष्टिकरण के लिए दुरपयोग हो रहा है, मंदिरों के चढ़ावे से मस्जिदों और चर्चों के खर्चे चलाये जाते रहे हैं | जब हममे से कोई इस अन्याय और इसके आकाओं जोकि देश को तोड़ने के षड्यंत्र में लगे हैं के विरुद्ध आवाज उठाता है तो कुछ रंगे सियार कहीं हमें थोथ गालियाँ देकर अपनी कुंठा शांत करने का प्रयास करते हैं अथवा अपने थोथे उपदेश देकर अपने मानसिक पाप को छुपाते हैं ….