उक्त इकरारनामा बिला दखली फर्जी, जाली, चार सौ बीस, अवैध व महत्वहीन व प्रभावहीन व अस्तित्वहीन तथा शून्य है, जिसे जबरजस्ती बन्दूक की नोक पर कराया गया है।
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यही कारण है कि बरगी बाँध के निर्माण से शुरू हुए शोषण और जबरिया बे दखली की प्रक्रिया आज १ ९ बांधों के निर्माण के दौरान भी जारी है.
3.
जिस राजनीति को हम सिर्फ सत्ता की दखली और बेदखली से जोड़कर देखते हैं, वह उस पूरी राजनीति के औचित्य का लेश मात्र भी नहीं, जिसकी एक बेहतर लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए दरकार है।
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नकल दिनांक 29-09-2007 को मिली तब वादी को पता चला कि प्रतिवादी संख्या 1 ने वादी के हिस्से की सम्पूर्ण जायदाद का इकरारनामा बिला दखली दिनांक 09-08-2007 को रूपया 2, 50,000/-में तय करके मुबलिग रूपया 2,00,000/-देकर करवा लिया है और उसमें रूपया 50,000/-बकिया रकम वरवक्त बैनामा देने के लिये लिखा है।
5.
वादी द्वारा न्यायालय से याचना की गयी है कि, इकरारनामा बिला दखली दिनांकित 09-08-2007 जो पुस्तक नम्बर प्रथम्, खण्ड नम्बर 1147 पृष्ठ नम्बर 53 लगायत 68 क्रमांक 1589/07 में उपनिबन्धक मेजा इलाहाबाद के कार्यालय में दर्ज है, को फ्राड चार सौ बीस, विधि विरूद्ध, प्रभावहीन, अस्तित्वहीन व शून्य घोषित किया जावे तथा उक्त आदेश की नकल उप निबन्धक कार्यालय मेजा, तहसील मेजा जनपद इलाहाबाद को भेजी जावे।