बार्थ भी सार्त्रा के समान अनिवार्यतावाद एवं दमनकारिता के विरुद्ध हर प्रकार के विद्रोह, वरंच अराजकता तक का कायल था।
2.
उधर, नया मीडिया भले ही विश्वबंधुता और लोकतांत्रिक पारदर्शिता का पैरोकार बनकर उभरा हो, पर मीडिया उद्योग और सत्ता हर कहीं क्षुद्र आग्रहों तले दमनकारिता और तानाशाही की तरफ ही लुढ़क रहे हैं।
3.
यदि संसार में कोई ऐसी शक्ति मौजूद हो जो बुराई के विरुद्ध निरंतर जिहाद करती रहे और समस्त सरकश क़ौमों को अपनी-अपनी सीमा की पाबन्दी पर बाध्य कर दे तो सामाजिक व्यवस्था में यह असंतुलन कदापि दिखाई न दे कि आज सम्पूर्ण मानव-जगत अत्याचारियों और उत्पीड़ितों, आक़ाओं और ग़ुलामों में विभक्त है और सम्पूर्ण संसार में नैतिक एवं आध्यात्मिक जीवन कहीं दासता और अत्याचार के कारण और कहीं गु़लाम बनाने और दमनकारिता के कारण विनष्ट हो रहा है।
4.
यदि संसार में कोई ऐसी शक्ति मौजूद हो जो बुराई के विरुद्ध निरंतर जिहाद करती रहे और समस्त सरकश क़ौमों को अपनी-अपनी सीमा की पाबन्दी पर बाध्य कर दे तो सामाजिक व्यवस्था में यह असंतुलन कदापि दिखाई न दे कि आज सम्पूर्ण मानव-जगत अत्याचारियों और उत्पीड़ितों, आक़ाओं और ग़ुलामों में विभक्त है और सम्पूर्ण संसार में नैतिक एवं आध्यात्मिक जीवन कहीं दासता और अत्याचार के कारण और कहीं गु़लाम बनाने और दमनकारिता के कारण विनष्ट हो रहा है।