| 1. | यह दर्पोक्ति किसी भी निर्देशक के मुँह से सुन सकते हैं.
|
| 2. | हास्य ओर व्यंग्य की एक मिश्रित परिस्थिति परशुराम की दर्पोक्ति में प्रकट होती है:
|
| 3. | इस छन्द द्वारा इन्होंने यात्रा, परामर्श, वीर दर्पोक्ति, युद्ध प्रयाण तथा युद्ध वर्णन किया है।
|
| 4. | अलग होने की यह िक्रया तो, दर्पोक्ति में जिसे जीवन-दान कहते हैं, उसी से आरम्भ हो गयी थी।
|
| 5. | किशुनेश ने इस छन्द आश्रयदाता की प्रशंसा, वीरों की दर्पोक्ति, सेना की गणना, युद्ध की भयंकरता आदि का वर्णन किया है।
|
| 6. | श्रीधर ने पारीछत रायसा में छप्पय द्वारा गणेश वन्दना, राजा का यश, वीरों की दर्पोक्ति, सेना तथा युद्ध के वर्णन किए हैं।
|