वातशूल होने पर दारूहरिद्रा को ऊपर से छिडकर कुमारी पत्रा को गरम करके बांध दें।
2.
आयुर्वेद की पढ़ाई कर रहे यमुनानगर जिले के गांव रुलेसर निवासी इरशाद अहमद ने अपने खेत में रुद्राक्ष, चंदन और दारूहरिद्रा के अनेक पौधे लगाए हैं।
3.
शिरीष के फूल का रस 7 मिलीलीटर, हरिद्राप्रकन्द चूर्ण 3 ग्राम, दारूहरिद्रा मिश्रण चूर्ण 3 ग्राम और घी 5-10 ग्राम एकसाथ मिला लें।
4.
सिर दर्द से पीड़ित रोगी को कुमारी के गूदे में थोड़ी मात्रा में दारूहरिद्रा का चूर्ण मिलाकर गर्म करके दर्द वाले स्थानों पर बांधने से वातज सिर का दर्द ठीक होता है।