चुंबकीय सुई से दिक्पात, अर्थात चुंबकीय बलरेखा और क्षितिज के बीच का कोण, ज्ञात होता है।
2.
परिणामत: दिक्सूचक के पाठ्यांक में त्रुटि आ जाती है, जिसे नाविकगण विचरण और वैज्ञानिकगण दिक्पात (
3.
परिणामत: दिक्सूचक के पाठ्यांक में त्रुटि आ जाती है, जिसे नाविकगण विचरण और वैज्ञानिकगण दिक्पात (declination) कहते हैं।
4.
निर्बाध विलंबित चुंबकीय सुई से दिक्पात, अर्थात चुंबकीय बलरेखा और क्षितिज के बीच का कोण, ज्ञात होता है।
5.
होते हैं-एक तो पृथ्वी के अक्ष के समांतर, जिसे ध्रुवीय अक्ष कहते हैं और दूसरा इसके लंवबत् जिसे दिक्पात अक्ष (
6.
इसमें दो परस्पर लंबवत् घूर्णाक्ष (axes of rotation) होते हैं-एक तो पृथ्वी के अक्ष के समांतर, जिसे ध्रुवीय अक्ष कहते हैं और दूसरा इसके लंवबत् जिसे दिक्पात अक्ष (declination axis) कहते हैं।
7.
ये अवयव हैं, दिक्पात, दि (D), नति, न (I), तथा पार्थिव चुंबकीय क्षेत्र की संपूर्ण तीव्रता ब (F), जिसके घटक, क्ष (H), क (X), ख (Y) तथा ग (Z) हैं।