अगर कोई व्यक्ति रक्तशर्कराल्पता के ऐसे गम्भित प्रभावों को झेल रहा है उन्हें (लड़ाकूपन के कारण) नहीं सकते अथवा (दौरे या बेहोशी के कारण) सक्नामी नहीं चाहिए कि मुहं के जरिए कुछ भी उन्हें खिला दिया जाए, चिकित्सा कर्मी जैसे कि EMTs और परचिकित्सक, अथवा अस्पताल के कर्मचारी IV की व्यवस्था पर अतः शिरा द्राक्षा-शर्करा दे सकते हैं, जिसकी सांद्रता उम्र के आधार पर अलग-अलग होनी चाहिए (शिशुओं को 2cc/kg में डेक्सट्रोज़, एवं वयस्कों के लिए 50%).