५१५, अपर्वतनांक और द्विअपवर्तन वर्तमान ञेछौ की मात्रा के साथ बढ़तेहैं.
3.
उसकी कठोरता में विभिन्नता और दिशाओं के साथ साथ द्विअपवर्तन की व्याख्या की।
4.
ने कैल्साइट की द्विअपवर्तन (double refraction) क्रिया को समझाने के लिये यह मान लिया कि वह छोटे छोटे दीर्घवृत्तजीय कणों के नियमित रूप में सुव्यवस्थित होने से बना है और इस आधार पर आपने क्रिस्टल की आकृति, विदलन (cleavage), उसकी कठोरता में विभिन्नता और दिशाओं के साथ साथ द्विअपवर्तन की व्याख्या की।
5.
ने कैल्साइट की द्विअपवर्तन (double refraction) क्रिया को समझाने के लिये यह मान लिया कि वह छोटे छोटे दीर्घवृत्तजीय कणों के नियमित रूप में सुव्यवस्थित होने से बना है और इस आधार पर आपने क्रिस्टल की आकृति, विदलन (cleavage), उसकी कठोरता में विभिन्नता और दिशाओं के साथ साथ द्विअपवर्तन की व्याख्या की।
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ने कैल्साइट की द्विअपवर्तन (double refraction) क्रिया को समझाने के लिये यह मान लिया कि वह छोटे छोटे दीर्घवृत्तजीय कणों के नियमित रूप में सुव्यवस्थित होने से बना है और इस आधार पर आपने क्रिस्टल की आकृति, विदलन (cleavage), उसकी कठोरता में विभिन्नता और दिशाओं के साथ साथ द्विअपवर्तन की व्याख्या की।
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ने कैल्साइट की द्विअपवर्तन (double refraction) क्रिया को समझाने के लिये यह मान लिया कि वह छोटे छोटे दीर्घवृत्तजीय कणों के नियमित रूप में सुव्यवस्थित होने से बना है और इस आधार पर आपने क्रिस्टल की आकृति, विदलन (cleavage), उसकी कठोरता में विभिन्नता और दिशाओं के साथ साथ द्विअपवर्तन की व्याख्या की।