इनसे नीचे ऊरु में केवल तीन पेशियाँ और द्विशिरस्का औरवी (
3.
द्विशिरस्का दो शिरों द्वारा अंसकूट और स्कंध संधि के भीतर अंस-उलूखल (
4.
स्कंध से नीचे बाहु में तुंडप्रगंडिकी (coraco brachialis), द्विशिरस्का (biceps), प्रगंडिकी (brachialis) और पीछे की ओर त्रिशिरस्का (triceps) हैं।
5.
इनसे नीचे ऊरु में केवल तीन पेशियाँ और द्विशिरस्का औरवी (biceps femoris), कडराकल्पा (semitendinosus) और कलाकल्पा (semimembranosus) सारे ऊरुपृष्ठ को ढके हुए हैं।
6.
द्विशिरस्का की कंडरा अनुजंघिका (fibula) के शिर पर तथा कंडराकल्पा और कलाकल्पा की कंडराएँ प्रजंघिका के अंतरार्बुद से नीचे, पश्चिम पृष्ठ पर लगती हैं।
१. महानितंबिका (gluteus maximus), २. द्विशिरस्का औरवी (biceps femoris), ३. बृहत् पार्श्वस्या (vastus lateralis), ४. कंडराकल्पा (semitendinosus) तथा कलाकल्पा (semimembranosus), ५. परापिंडिका (gastrocnemius), ६. पिंडिका (soleus), ७. परापिंडिका तथा पिंडिका की आकिलीज़ (Achilles) कंडरा (tendon), ८. दीर्घ पाद विवर्तनी (peroneus longus) की कंडरा, ९. दीघ पादांगुलि प्रसारिणी (extensor digitorum longus), १०. लघुपाद विवर्तनी की कंडरा ११.
9.
द्विशिरस्का दो शिरों द्वारा अंसकूट और स्कंध संधि के भीतर अंस-उलूखल (glenoid cavity) के ऊपर के पिंडक से निकलकर, सारी बाहु के सामने होती हुई नीचे जाकर, कंडरा में अंत हो जाती हैं, जो कुहनी के सामने से निकलकर, अग्रबाहु के ऊर्ध्व भाग मे बहिष्प्रकोष्ठास्थि के शिर से नीचे स्थित गुलिका के खुरदरे भाग पर लग जाती है।