' वह लजा गई,' धत्! बत्तमीज कहीं की! शांती जोर से खिलखिला पड़ी.
2.
क्यों? धत्! नेहरू को भूल गये क्या? मैडम एड्वीना के लिए इन्होंने क्या-क्या नहीं किया।
3.
' धत्! ऐसी बातें लिखते हुए जीब लगता है, जो मज़ा या सुकून इन शब्दों को कहने में है, वह लिखने में नहीं.'
4.
“अच्छा वो! धत्! मैं आपको क्यों लिखने लगी वैसा पत्र?” वह चुन्नी दांत से काटने लगी, “वह तो झरना जी ने आपको दिया था जब वे यहाँ आयी थीं, दादाजी की ग़मी में।”