| 1. | संसार की धनसम्पत्ति को तुच्छ समझना
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| 2. | संसार की धनसम्पत्ति को तुच्छ समझना बुद्धिमानों का काम है।
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| 3. | प्रचलित अर्थ में यही पशुधन ऐश्वर्य सामग्री, धनसम्पत्ति और दौलत है।
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| 4. | युवावस्था, बाल्यावस्था, शरीर और धनसम्पत्ति ये सब के सब अनित्य हैं।
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| 5. | इसके लिए विद्याध्ययन, धनसम्पत्ति, बल, अनुष्ठान आदिकी जरुरत नहीं है ।
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| 6. | साथ ही यौवनं धनसम्पत्ति प्रभूत्वमविवेकताः का खुला तांडव नृत्य देखने में आ रहा है।
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| 7. | साथ ही यौवनं धनसम्पत्ति प्रभूत्वमविवेकता: का खुला तांडव नृत्य देखने में आ रहा है।
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| 8. | न धनसम्पत्ति उपकार करती है, न मित्र उपकार करते हैं और न बन्धुबान्धव ही उपकार करते हैं।
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| 9. | इतिहास साक्षी है कि १ ६ बार सोमनाथ के मंदिर पर आक्रमण किया गया और धनसम्पत्ति लूटी गयी.
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| 10. | भारतीय समाज का पूँजीपति सामन्ती भद्रलोक, अटूट धनसम्पत्ति के मद में आमजन, औरत और दलित का मनमाना शोषण सदियों से करता आ रहा है।
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