प्राधिकार एक धर्मदूतीय उत्तराधिकार के रूप में नीचे की ओर प्रदान किया जाता है.
2.
बपतिस्मा के संदर्भ में प्रारंभिक ईसाई विश्वास (धर्मदूतीय काल के बाद अनुपालित ईसाईयत) परिवर्तनीय थे.
3.
[172] प्राधिकार एक धर्मदूतीय उत्तराधिकार के रूप में नीचे की ओर प्रदान किया जाता है.
4.
तथा चर्च की धर्मदूतीय एवं मिशनरी गतिविधि को साझा करना ईसाई व्यक्ति के लिये अनिवार्य बनाता है (
5.
धर्मदूतीय काल (The Apostolic Age) ईसा के जीवन से लेकर अंतिम धर्मदूत की मृत्यु तक का काल था (प्रिय शिष्य देखें).
6.
में लिखा गया था. [79] 19वीं सदी में पुनः खोजा गया यह कार्य धर्मदूतीय काल की ईसाईयत पर एक अद्वितीय दृष्टि प्रदान करता है.
7.
यह व्यक्ति का ईसा की ओर संरूपण करता है (CCC 1272), तथा चर्च की धर्मदूतीय एवं मिशनरी गतिविधि को साझा करना ईसाई व्यक्ति के लिये अनिवार्य बनाता है (CCC 1270).
8.
विशिष्ट रूप से प्रोटेस्टैंट समुदाय के लोग ईसा के सच्चे संदेश के एक गवाह के रूप में धर्मदूतीय काल के चर्च को महत्वपूर्ण मानते हैं, जिनके बारे में उनका विश्वास है कि वह महान स्वधर्म त्याग (
9.
एक राय यह है कि ईसाई धर्मदूतीय युगों के लिए अलौकिक तोहफों के वितरण की विशेष व्यवस्था हुआ करती थी, क्योंकि उस समय गिरजाघर की स्थिति अनोखी थी और वर्तमान समय में प्रदान किया जाना दुर्लभ हो गया है.
10.
एक राय यह है कि ईसाई धर्मदूतीय युगों के लिए अलौकिक तोहफों के वितरण की विशेष व्यवस्था हुआ करती थी, क्योंकि उस समय गिरजाघर की स्थिति अनोखी थी और वर्तमान समय में प्रदान किया जाना दुर्लभ हो गया है.