यह एप्रोच राजनीति के धर्मनिरपेक्षीकरण के सवालको नहीं उठाता है।
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यह एप्रोच राजनीति के धर्मनिरपेक्षीकरण के सवाल को नहीं उठाता है।
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भारत में धर्मनिरपेक्षीकरण, भू-सुधार और समाज पर पुरोहित वर्ग का शिकंजे ढीला करने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी।
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जो साथी टीम हजारे और रामदेव का धर्मनिरपेक्षीकरण करने के प्रयास में लगे हैं, वे यह हकीकत जान लें।
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पितृसत्तात्मक व्यवस्था की बेड़ियों को तोड़कर महिलाओं के स्वयंसिद्धा बनने की प्रक्रिया समाज के प्रजातंत्रीकरण और धर्मनिरपेक्षीकरण का अविभाज्य हिस्सा है।
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धार्मिकग्रंथों का गौण हो जाना और धार्मिक प्रतीकों में जनता का मगन हो जाना वस्तुतः धर्म के धर्मनिरपेक्षीकरण की प्रक्रिया का अंग है।
7.
धर्म के समाजशास्त्र ने उस दशक में, धर्मनिरपेक्षीकरण लेखों, भूमंडलीकरण के साथ धर्म की अन्योन्य-क्रिया, और धार्मिक अभ्यास की परिभाषा पर नयी बहस के साथ पुनर्जागरण देखा.
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ऐसे देश में जहां हमें चिंता लगी रहती है कि विदेशी संस्कृति हम पर बुरा असर डाल रही है, क्रिसमस का धर्मनिरपेक्षीकरण न सिर्फ ईसाइयत, बल्कि भारत की गंगा-जमुनी संस्कृति की मजबूती के लिए भी बेहतर है।
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आधुनिकता, बौद्धिक संस्कृति की प्रवृत्तियों को भी संदर्भित कर सकती है, विशेष रूप से उन आन्दोलनों को जो धर्मनिरपेक्षीकरण और उत्तर-औद्योगिक जीवन के साथ जुड़े हुए हैं, जैसे कि मार्क्सवाद, अस्तित्ववाद और सामाजिक विज्ञान की औपचारिक स्थापना.
10.
धर्म के समाजशास्त्र ने उस दशक में, धर्मनिरपेक्षीकरण लेखों, भूमंडलीकरण के साथ धर्म की अन्योन्य-क्रिया, और धार्मिक अभ्यास की परिभाषा पर नयी बहस के साथ पुनर्जागरण देखा.लेंस्की और यिन्गेर जैसे सिद्धान्तकारों ने धर्म की 'वृत्तिमूलक' परिभाषा की रचना की; इस बात की पड़ताल करते हुए कि धर्म क्या करता है, बजाय आम परिप्रेक्ष्य में कि, यह क्या है.इस प्रकार, विभिन्न नए सामाजिक संस्थानों और आंदोलनों को उनकी धार्मिक भूमिका के लिए निरीक्षित किया जा सकता है.