| 1. | धारणकर्ता इंद्र के समान ऐश्वर्य भोगी होता है।
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| 2. | मानो धारणकर्ता वह था यमराज परशु का स्वयं अजित
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| 3. | इसके धारणकर्ता को कार्तिकेय के समान माना गया है।
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| 4. | धारणकर्ता पर भगवती सरस्वती की विशेष कृपा होती है।
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| 5. | मानो धारणकर्ता वह था यमराज परशु का स्वयं अजित
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| 6. | धारणकर्ता पर गणेश की क्रिपादृष्टि रहती है।
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| 7. | * स्वच्छ व शुद्ध स्थान पर बैठकर गंडा बनाना या धारणकर्ता को देना चाहिए।
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| 8. | आप ही प्रत्यक्ष तत्व हो, केवल आप ही कर्ता, धारणकर्ता और संहारकर्ता हो।
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| 9. | धारणकर्ता मनुष्य को सुख-शांति प्राप्त होती है तथा यह सब रुद्राक्षों से अधिक पुण्यदाता है।
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| 10. | इसके धारणकर्ता की आयु दीर्घ होती है, स्वास्थ्य ठीक रहता तथा प्रगति का मार्ग प्रशस्त होते है।
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