भाषा ध्वनिरूप होती है एवं किसी सामाजिक समूह की परस्पर अन्तःक्रिया और सहयोग का माध्यम भी।
3.
भाषा ध्वनिरूप होती है एवं किसी सामाजिक समूह की परस्पर अन्तःक्रिया और सहयोग का माध्यम भी।
4.
या ध्वनिरूप ही यूं था कि हर नायक के चरित्र को गहराई तक अद्ययन कर पूरी तन्मयता सेअपनी आवाज़ में ढाल लेते थे.
5.
वह शब्द उनकी बुद्धि में पहले से न हो तो वक्ता उसके अभिव्यंजक ध्वनिरूप शब्द का उच्चारण नहीं करेगा और श्रोता को अर्थ बोध भी कभी नहीं होगा।
6.
वह शब्द उनकी बुद्धि में पहले से न हो तो वक्ता उसके अभिव्यंजक ध्वनिरूप शब्द का उच्चारण नहीं करेगा और श्रोता को अर्थ बोध भी कभी नहीं होगा।
7.
उनकी आवाज़ को तो Timbre या ध्वनिरूप ही यूं था कि हर नायक के चरित्र को गहराई तक अद्ययन कर पूरी तन्मयता से अपनी आवाज़ में ढाल लेते थे.
8.
ध्वनिरूप शब्द उत्पन्न होता है और उस ध्वनिरूप शब्द से अभिव्यक्त जो अर्थबोधक शब्द है, उसे नित्य ही मानना पड़ेगा, क्योंकि वह वक्ता और श्रोता दोनों की बुद्धि में पहले से ही होता है।
9.
ध्वनिरूप शब्द उत्पन्न होता है और उस ध्वनिरूप शब्द से अभिव्यक्त जो अर्थबोधक शब्द है, उसे नित्य ही मानना पड़ेगा, क्योंकि वह वक्ता और श्रोता दोनों की बुद्धि में पहले से ही होता है।
10.
ध्वनिरूप शब्द उत्पन्न होता है और उस ध्वनिरूप शब्द से अभिव्यक्त जो अर्थबोधक शब्द है, उसे नित्य ही मानना पड़ेगा, क्योंकि वह वक्ता और श्रोता दोनों की बुद्धि में पहले से ही होता है।