टंडन ने अँग्रेज़ ध्वनिविज्ञानी इसाक पिटमैन के हवाले से कहा कि
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पुरूषोतम दास टंडन ने अंग्रेज ध्वनिविज्ञानी इसाक पिटमैन के हवाले से कहा कि विश्व मंे हिन्दी ही सर्वसम्पन्न वर्णमाला है तो सेठ गोविन्द दास ने कहा कि-‘‘इस देश में हजारों वर्षों से एक संस्कृति है।
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पुरूषोतम दास टंडन ने अंग्रेज ध्वनिविज्ञानी इसाक पिटमैन के हवाले से कहा कि विश्व में हिन्दी ही सर्वसम्पन्न वर्णमाला है तो सेठ गोविन्द दास ने कहा कि-‘‘इस देश में हजारों वर्षों से एक संस्कृति है।
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पुरूषोतम दास टंडन ने अंग्रेज ध्वनिविज्ञानी इसाक पिटमैन के हवाले से कहा कि विश्व मंे हिन्दी ही सर्वसम्पन्न वर्णमाला है तो सेठ गोविन्द दास ने कहा कि-‘‘ इस देश में हजारों वर्षों से एक संस्कृति है।