| 1. | गुप्त लख चित्त में, नमन करुँ नत माथ।।
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| 2. | महिलाएं अपने-अपने हिसाब से मन् नत मांग लेतीं।
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| 3. | मेरा सिर् अपने आप नत मस्तक हो जाये,,
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| 4. | नत मस्तक होकर, किया करता था ।
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| 5. | छिलो तव अविचल मंगल नत नयने अनिमेशे ।
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| 6. | मैडम की सारी सेना नत शीश खड़ी है।।
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| 7. | होने के बाद भी नत ही रहता है।
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| 8. | छू गए नत भाल पर्वत हो गया मन
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| 9. | सासू जी नत सर खड़ीं, गृह मंदिर सुर-धाम..
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| 10. | भरी स्वप्न मधु से लजाती हुयी नत,
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