नवक एवं षोड़श श्राद्ध करने से जीव उस शरीर में प्रवेश करता है।
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नवक और षोडश श्राद्ध करने से जीव उस शरीर में प्रवेश करता है ।
3.
मृत्यु के पहले तीसरे पांचवे सातवें नवें और ग्यारहवें दिन जो श्राद्ध होता है उसे नवक श्राद्ध कहते हैं ।
4.
प्रति दिन भोजन से पूर्व यदि 3-4 गोली मेदो हर गुगलू या नवक गुगलू शिलाजीत के साथ या शिलाजीत की गोली के साथ लिया जाए तो अधिक चमत्कारी परिणाम मिल सकते हें।
5.
इसी क्रम से इस निकाय के भीतर एककनिपात, दुकनिपात एवं तिक, चतुवक, पंचक, छक्क, सत्तक, अट्ठक, नवक, दसक और एकादसक इन नामों के ग्यारह निपातों का संकलन है।