| 1. | भगवान् विष्णु के नाभिकमल से ब्रह्माजी उत्पन्न हुए।
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| 2. | जिनके नाभिकमल पर ब्रह्माजी ध्यानमुद्रा में बैठे है।
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| 3. | भगवान् विष्णु के नाभिकमल से ब्रह्माजी उत्पन्न हुए।
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| 4. | इसी को नाभिकमल की डंडी कहा गया है.
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| 5. | और उनके नाभिकमल पर चतुर्मुखी ब्रह्मा जी बैठे हुए हैं...
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| 6. | श्री मन्नारायण भगवान द्वारा सर्वप्रथम नाभिकमल से ब्रह्मा को प्रकट किया गया।
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| 7. | भारत के महर्षियों ने इसे ही नारायण के नाभिकमल ह्यपद्महृ कहकर संबोधित किया है।
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| 8. | भारत के महर्षियों ने इसे ही नारायण के नाभिकमल (पद्म) कहकर संबोधित किया है।
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| 9. | माया से बचने का तरीका है बस मायापति के ही चरण में अजन्मा के नाभिकमल से जन्मे
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| 10. | स्वस्तिक के मध्य में जो बिन्दु है, वह भगवान विष्णु का नाभिकमल यानी ब्रम्हा का स्थान है।
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