इस तरह की स्थितियां किसी निरंकुशतावादी व्यवस्था में ही संभव है।
2.
इस तरह की स्थितियां किसी निरंकुशतावादी व्यवस्था में ही संभव है।
3.
निरंकुशतावादी और जनतंत्रवादी, दोनों ही तरह की सरकारों ने उन्हे अपने राज्यों से निकाला।
4.
चूंकि वे निरंकुशतावादी शासन की उपज होते हैं, अतएव वे तानाशाही को बनाए रखने में मददगार होते हैं.
5.
लेकिन, पूँजीवादी जनतन्त्र का समर्थक न होने का अर्थ यह नहीं है कि हम तानाशाही, प्रबुद्ध निरंकुशतावादी शासन या पूँजीवादी सर्वसत्तावाद की तरफ जाना चाहते हैं।