| 1. | समझदारी पूर्वक इस आवश्यकता का निश्चयन होता है।
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| 2. | समाधान-संपन्न परिवार अपनी आवश्यकताओं का निश्चयन कर सकता है।
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| 3. | निश्चयन विधि से जीने के लिए अनुभव ही है।
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| 4. | विकल्प विधि से मानव-चेतना पूर्वक आहार-विहार-व्यवहार का निश्चयन होता है.
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| 5. | इसलिए समाधान पूर्वक हम अपनी आवश्यकताओं का निश्चयन कर सकते हैं।
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| 6. | “मुझे जीना चाहिए! ”-यह आप में निश्चयन हो जाता है।
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| 7. | प्रतिबिम्बन न हो, तो हम अपने कार्य-व्यवहार का निश्चयन कर ही नहीं सकते।
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| 8. | इस विचार में प्रसक्त होने पर, इसको अपना स्वत्व बनाने का निश्चयन होता है।
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| 9. | बिना सोच-विचार के कैसे निश्चयन होगा? अध्ययन प्रक्रिया के फल-स्वरूप ही अनुभव होता है।
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| 10. | अनुभव के साथ अपने निश्चयन को जोड़ करके हम इतने विस्तार हो जाते हैं.
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