वायु में जल के अत्यंत सूक्ष्म कणों के समूह जो ठंडक पाकर जम जाते हैं और धीरे-धीरे भूमि पर उतरते हैं:"जाड़े के दिनों में चारों ओर कोहरा छाया रहता है जिससे यातायात में परेशानी होती है" पर्याय: कोहरा, कुहरा, कुहासा, कूहा, मिहिका, नभोरेणु, नीहार,
हवा में मिली हुई भाप जो रात की सर्दी से जमकर कणों के रूप में गिरती है:"पिछली रात से अत्यधिक ओस गिर रही है" पर्याय: ओस, शबनम, शीत, मिहिका, शीकर, सीकर, निशाजल, अवश्याय, आवस, हैम,