न्यायतः इस बीजली पर सबसे पहला अधिकार है होन्नावर तालुके का और कारवार जिले का।
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' ' ‘‘ उसने ही झगड़े का किया सूत्रपात है अतः रक्त-पात-दोषी होगा वही न्यायतः, अपराध होता न घटित कार्यवाही से देखा जाता उसमें भी कर्तृ-भाव सर्वदा पत्थर से दिया जाय ईंट का जवाब तो अपराध नहीं वह मात्र प्रतिकार है।
4.
इस विषय में दो बातें सदा ही मेरे हृदय में आंदोलित होती रही हैं-जमीन पर अधिकार न्यायतः जमींदार का नहीं, किसान का होना चाहिए ; दूसरे, समवाय नीति के अनुसार सभी खेत एक साथ मिलाए बिना किसानों की कभी उन्नति हो ही नहीं सकती।