जब गाड़ी रुकी तो मैंने मुंह से लेकर कान और नाक तक लपेटा हुआ पंछा हटाया.
3.
थाली या खाने के बरतन के अभाव में पंछा भी भो्जन करने के लिए बढिया काम आता है।
4.
जो पराए घर को अपना जानकर ताला तोड़ डाले और पंछा पहनक र, अंडरवियर की थैली में नोट-जेवर बाँधकर निकल जा ए, वह कर्मठ ।
5.
] घाव या किसी पदार्थ का अति गीला होना ; सड़ने या ख़राब होने की स्थिति में आना ; घाव आदि से पंछा या पीब निकलना।
6.
पंछा (सं.) [सं-पु.] 1. प्राणियों के शरीर पर होने वाले फुंसी या दाने के फूटने से उसमें से निकलने वाला स्राव 2.
7.
कि्सी ने ईंटो का चुल्हा बनाकर अपनी हंडी चढा रखी थी तो कोई अपना पंछा (अंगोछा) बिछाकर उसमें ही भात खा रहे थे, आम की चटनी के साथ ।
8.
वहाँ दो कुर्सियाँ थी, एक कुर्सी पर बनियान पहने और पंछा बांधे अधेड़ उम्र के सज्जन बैठे थे, हमने नमस्कार कर वर्तमान जमींदार के विषय में पूछा तो उन्होने हमे अपने पास बुलाया और बताया कि वहीं वर्तमान जमीदार हैं।
9.
किसी की भी शव यात्रा घर के सामने से निकले मैं अपना पंछा (अंगोछा) उठा कर उसमे शामिल हो जाता हूँ, एक दिन ऐसी ही एक शव यात्रा घर के सामने से निकली, उसमे सभी परिचित लोग दिखे, तो मैंने सोचा कि गांव में किसी की मृत्यु हो गयी और नाई मुझ तक नहीं पहुच पाया मुझे जाना चाहिए तो मैंने अपना अंगोछा उठाया और चल दिया, श्मशान जाने के बाद मैंने किसी से नही पूछा कि कौन मरा है?
परिभाषा
चोट लगने या कटने आदि पर प्राणियों या पेड़-पौधों के अंगों से स्रावित, पानी की तरह का एक तरल पदार्थ:"उसके घाव से पंछा निकल रहा है"