पक्षांतर में प्राचीन वैदक धर्म में संसारवाद अविदित था।
3.
कोई परिवर्तन नहीं 3. 0 पक्षांतर नहीं.
4.
एक मैट्रिक्स वर्ग जो * एक = बराबर है अपनी संयुग्म पक्षांतर, ए.
5.
यदि कोई व्यावहारिक भेद दिखाई न दे तो व्यवहार में दोनों पक्षांतर एक ही हैं और सारा विवाद व्यर्थ है।
6.
यदि कोई व्यावहारिक भेद दिखाई न दे तो व्यवहार में दोनों पक्षांतर एक ही हैं और सारा विवाद व्यर्थ है।
7.
पीछे इससे ऐसी धारण अभिप्रेत होने लगी, जिसे कोई व्यक्ति मानता ही नहीं, वरन् उस पर बलपूर्वक जमा रहता है, चाहे कोई पक्षांतर भी उतना ही विश्वस्त क्यों न दीखता हो।
8.
पीछे इससे ऐसी धारण अभिप्रेत होने लगी, जिसे कोई व्यक्ति मानता ही नहीं, वरन् उस पर बलपूर्वक जमा रहता है, चाहे कोई पक्षांतर भी उतना ही विश्वस्त क्यों न दीखता हो।
9.
यदि कोई प्रत्यय दूसरे प्रत्यय के स्थान में सत्य होता, तो इससे किसी मनुष्य के लिए व्यावहारिक भेद क्या पड़ता? यदि कोई व्यावहारिक भेद दिखाई न दे तो व्यवहार में दोनों पक्षांतर एक ही हैं और सारा विवाद व्यर्थ है।