| 1. | शुनि चैव श्वपाके च पण्डिता: समदर्शिन: ।।
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| 2. | यमर्था नापकर्षन्ति स वै पण्डिता उच्यते ॥ १ ॥
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| 3. | शुनि चैव श्वपाके च पण्डिता: समदर्शिन: ।।
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| 4. | शुनि चैव श्वपाके च पण्डिता: समदर्शिन: ।।
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| 5. | शुनि चैव श्वपाके च पण्डिता: समदर्शिन:।।
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| 6. | पण्डिता मण्डिताः सर्वे भोजराजे भुवि स्थिते॥
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| 7. | गतासूनगतासूंश्च नानुशोचन्ति पण्डिता: ॥ ”
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| 8. | शुनि चैव श्वपाके च पण्डिता समदर्शिनः।।
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| 9. | जयन्ती 28 मई 2009 स्वातन्त्र्य वीर सावरकर को नमन लेखिका-पण्डिता राकेशरानी, सम्पादक-जनज्ञान
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| 10. | तू प्रेम-शास्त्र की बड़ी अनुभवी पण्डिता है न, तभी तो धोखा खा बैठी।
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