उनकी पत्नी ' चित्रा ' दुराचारिणी, कलहप्रिय और परपुरुषगामिनी थी।
2.
रसाल जी के कोष में छिनार का अर्थ है व्यभिचारिणी, कुलटा, परपुरुषगामिनी, और इसकी उत्पत्ति छिन्ना + नारी से बताई गई है।
3.
उलटे आप पत्नी और एक माँ होते हुए परपुरुषगामिनी होकर समाज को क्या सन्देश देना चाहती हैं कि आजाद ख्यालों की महिलाएं परिवार और समाज की मर्यादा को ताक़ में रख दिल को जो अच्छा लगे वोह करें.