| 1. | परमताप पर कृष्णिका की विकिरण तीव्रता (
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| 2. | से ३०° सें., अर्थात् लगभग ३००° परमताप हो जाता है।
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| 3. | से ३०° सें., अर्थात् लगभग ३००° परमताप हो जाता है।
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| 4. | सेंटिग्रेड और फारेनहाइट पैमाने की तरह परमताप मापक्रम का शून्य मनमाना नहीं होता।
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| 5. | साधारणत: इस ताप में त्रुटियाँ होती हैं, जिनका संशोधन करके परमताप निकाला जाता है।
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| 6. | इस प्रमेय से आरंभ करके परमताप एवं एंट्रापी की भावना तक पहुँचा जा सकता है।
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| 7. | इस प्रमेय से आरंभ करके परमताप एवं एंट्रापी की भावना तक पहुँचा जा सकता है।
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| 8. | 1954 ई0 से पूर्व परमताप पैमाने में भी हिम और भाप बिंदुओं का प्रयोग होता था।
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| 9. | जहाँ तप्त पिंड से विकीर्ण रश्मि का तरंगदैर्घ्य lm है, स्थिरांक b = २९४० और T परमताप है।
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| 10. | विद्यार्थी-सर, ऊष्मा या ताप कम या अधिक हो सकता है-जैसे निम्नताप, उच्चताप, चरमताप, परमताप, या फिर शून्य ताप आदि.
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