परमानन्ददास वाक्य
उच्चारण: [ permaanendedaas ]
उदाहरण वाक्य
मोबाइल
- (परमानन्ददास से भेजा गया)लेख ♯ (प्रतीक्षित) यहां जाएं:
- परमानन्ददास परमानन्ददास का जन्म काल संवत १६०६ के आसपास है।
- परमानन्ददास परमानन्ददास का जन्म काल संवत १६०६ के आसपास है।
- आप श्री ने सर्वप्रथम कुंभनदास और सूरदास तथा परमानन्ददास को श्रीनाथजी का कीर्तनिया नियुक्त किया।
- आप श्री ने सर्वप्रथम कुंभनदास और सूरदास तथा परमानन्ददास को श्रीनाथजी का कीर्तनिया नियुक्त किया।
- परमानन्ददास (सं0-१६०६)के आस पास कन्नौज (उत्तर प्रदेश) में एक निर्धन कान्यकुब्ज ब्राह्मण परिवार में जन्म हुआ था।
- ये कवि थे-महाकवि सूरदास, परमानन्ददास जी, कुम्भंनदास जी, कृश्णदास जी, गोविन्ददास जी, छीत स्वामी जी, और चतुर्भुजदास जी।
- अष्टछाप के कवियों में प्रमुख स्थान रखने वाले परमानन्ददास का जन्म कन्नौज (उत्तर प्रदेश) में एक निर्धन कान्यकुब्ज ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
- जिनसे केवल यह प्रकट होता है कि सूरदास परम भगवदीय थे और उनके समसामयिक भक्त कुम्भनदास, परमानन्ददास आदि उनका बहुत आदर करते थे।
- जिनसे केवल यह प्रकट होता है कि सूरदास परम भगवदीय थे और उनके समसामयिक भक्त कुम्भनदास, परमानन्ददास आदि उनका बहुत आदर करते थे।
- परमानन्ददास, घाघ, तोषनिधि, मनीराम मिश्र कन्नौज, राजा यशवन्त सिंह, राम जू भट्ट, तुलसीराम, गोविन्द प्रसाद महाभारती, देवी सहाय वाजपेई,
- अष्टछाप के महासंगीतज्ञ कवि सूरदास, नन्ददास, परमानन्ददास जी आदि भी इसी काल में प्रसिद्ध कीर्तनकार, कवि और गायक हुए, जिनके कीर्तन बल्लभकुल के मन्दिरों में गाये जाते हैं।
- ' वार्ता ' के अनुसार सूरदास, परमानन्ददास और कुम्भनदास-वल्लभाचार्य के तीनों प्रधान शिष्य निकुंजलीला का ही ध्यान करते हुए राधाभाव में तन्मय होकर गोलोक सिधारे थें।
- अष्टछाप के महासंगीतज्ञ कवि सूरदास, नन्ददास, परमानन्ददास जी आदि भी इसी काल में प्रसिद्ध कीर्तनकार, कवि और गायक हुए, जिनके कीर्तन बल्लभकुल के मन्दिरों में गाये जाते हैं।
- आज भी वह परम्परा सम्प्रदाय में चली आ रही हैं सूरदास और परमानन्ददास को सम्प्रदाय में दीक्षित करते समय उन्होंने गोपालकृष्ण के ही वात्सल्यभाव के पद गाने का आदेश दिया था।
- अष्टछाप के महासंगीतज्ञ कवि सूरदास, नन्ददास, परमानन्ददास जी आदि भी इसी काल में प्रसिद्ध कीर्तनकार, कवि और गायक हुए, जिनके कीर्तन बल्लभकुल के मन्दिरों में गाये जाते हैं।
- आप अष्टछाप के कवियों कुम्भनदास (१४६८ ई.-१५८२ ई.), सूरदास (१४७८ ई.-१५८० ई.), कृष्णदास (१४९५ ई.-१५७५ ई.), परमानन्ददास (१४९१ ई.-१५८३ ई.), गोविन्ददास (१५०५ ई.-१५८५ ई.), छीतस्वामी (१४८१ ई.-१५८५ ई.), नन्ददास (१५३३ ई.-१५८६ ई.) और चतुर्भुजदास से अवश्य ही परिचित होंगे।
- आ प अष्टछाप के कवियों कुम्भनदास (१४६८ ई.-१५८२ ई.), सूरदास (१४७८ ई.-१५८० ई.), कृष्णदास (१४९५ ई.-१५७५ ई.), परमानन्ददास (१४९१ ई.-१५८३ ई.), गोविन्ददास (१५०५ ई.-१५८५ ई.), छीतस्वामी (१४८१ ई.-१५८५ ई.), नन्ददास (१५३३ ई.-१५८६ ई.) और चतुर्भुजदास से अवश्य ही परिचित होंगे।
- अष्टछाप के महासंगीतज्ञ कवि [[सूरदास]], [[नंददास | नन्ददास]], [[परमानन्ददास]] जी आदि भी इसी काल में प्रसिद्ध कीर्तनकार, कवि और गायक हुए, जिनके कीर्तन बल्लभकुल के मन्दिरों में गाये जाते हैं ।
- भले ही कृष्णदास ने उच्चकोटि की काव्यरचना न की हो, उन्होंने अपने प्रबन्ध-कौशल द्वारा परिस्थितियों के निर्माण में अवश्य महत्त्वपूर्ण योग दिया, जिनके कारण सूरदास, परमानन्ददास, नन्ददास आदि महान कवियों को अपनी प्रतिभा का विकास करने के लिए अवसर मिला।
- अधिक वाक्य: 1 2
परमानन्ददास sentences in Hindi. What are the example sentences for परमानन्ददास? परमानन्ददास English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.