| 1. | में परवलयज दर्पण का प्रयोग किया जाता है।
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| 2. | उसका दूसरा फोकस परवलयज के निकट ही पड़ता है।
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| 3. | उसका दूसरा फोकस परवलयज के निकट ही पड़ता है।
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| 4. | इस गुण के उपयोगार्थ परवलयज (
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| 5. | दूरदर्शी में एक दीर्घवृत्तजीय तथा एक परवलयज दर्पण का प्रयोग होता है।
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| 6. | इस गुण के उपयोगार्थ परवलयज (paraboloidal) दर्पणों का निर्माण किया जाता है।
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| 7. | न्यूटनीय दूरदर्शी (Newtonian telescope) में परवलयज दर्पण का प्रयोग किया जाता है।
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| 8. | अतिपरवलयिक परवलयज के सभी रूप और अंत में द्विसमतल बनाए जा सकते हैं।
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| 9. | ग्रेगोरियन (Gregorian) दूरदर्शी में एक दीर्घवृत्तजीय तथा एक परवलयज दर्पण का प्रयोग होता है।
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| 10. | फलस्वरूप, परवलयज द्वारा निर्मित प्रतीयमान बिंब अतिपरवलयज द्वारा वास्तविक बिंब में परिणत कर दिया जाता है।
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