पराध्वानिक प्रवाह में दाबसंकेत आगे नहीं जा पाते और किसी बिंदु विशेष पर का विक्षोभ अनुप्रवाह दिशा में “मेक” शंकु (
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पराध्वानिक प्रवाह में दाबसंकेत आगे नहीं जा पाते और किसी बिंदु विशेष पर का विक्षोभ अनुप्रवाह दिशा में “मेक” शंकु (mach cone) के भीतर ही सीमित रहता है।
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सिद्ध किया जा सकता है कि यदि M > 1, अर्थात् पराध्वानिक प्रवाह में तुंड (nozzle), वाहिनी (duct), अथवा धारा रेखाओं के बीच क्षेत्रफल वेगवर्धन के साथ बढ़ना चाहिए।